हदस से पाकी

हदस से पाकी

सफ़ाई और पाकी की दूसरी क़िस्म हदस से पाकी हासिल करना है। हदस उस हुक्मी निजासतको कहते हैं जिसकी वजह से हम जिस्म और कपड़ों से पाक व साफ़ होने के बावजूद नमाज़ वग़ैरा अदा नहीं कर सकते क्योंकि हदस वह नापाकी है जिससे वुज़ू या ग़ुस्ल ज़रूरी हो जाता है। हदस की दो क़िस्में हैं।

हदसे असग़र इसमें वह चीज़े शामिल हैं जिनसे वुज़ू करना लाज़िम हो जाता है। हदसे अकबर इसमें वह चीज़े शामिल हैं जिनसे ग़ुस्ल (नहाना) लाज़िम हो जाता है।

हदस से पाकी हासिल करने के लिए वुज़ू, ग़ुस्ल या तयम्मुम की ज़रूरत होती है लिहाज़ा इनके बारे में जानना बहुत ज़रूरी है इनमें थोड़ी सी बेएहतियाती हमारी़ नमाजें और दूसरी इबादतें ख़राब कर सकती है और जान बूझ कर छोड़ने पर कुफ़्र तक पहुँचा सकती है। लिहाज़ा अब हम हदस दूर करने के लिए वुज़ू, ग़ुस्ल और तयम्मुम का ज़िक्र करेंगे