ग़ुस्ल के फ़र्ज़

ग़ुस्ल के फ़र्ज़

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بِسْمِ اللّٰہِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیۡمِ

ग़ुस्ल के तीन फ़र्ज़ हैं या यह कह सकते हैं कि तीन चीज़े ख़ास हैं अगर उनमें से एक भी छूट गई या इनमें कोई कमी रह गई तो ग़ुस्ल नहीं होगा।

  1. कुल्ली करना:- कुल्ली इस तरह से की जाये कि मुँह के अन्दर के हर एक हिस्से जैसे दाँत, उनके बीच की झिर्रियाँ, जड़, ज़बान और उसकी करवटें, मसूढ़े और हलक़ की जड़ तक पानी बह जाये अगर थोड़ा सा पानी मुँह में लेकर कुल्ली कर दी और होठों से लेकर हलक़ की जड़ तक बाल बराबर भी कोई हिस्सा सूखा रह गया तो ग़ुस्ल नहीं होगा और न ही उस से नमाज़ जाइज़ है।
  2. नाक में पानी डालना:- नाक के दोनों नथनों में जहाँ तक नर्म जगह है वहाँ तक पानी को साँस के साथ ऊपर चढ़ायें, बाल बराबर भी धुलने से रह गया तो ग़ुस्ल नहीं होगा। अगर नाक के अन्दर रेंठ सूख गई है तो उसका छुड़ाना फ़र्ज़ है।
  3. पूरे बदन पर पानी बहाना:- सिर के बालों से पाँवों के तलवों तक जिस्म के हर हिस्से, हर रोंगटे पर पानी बह जाना फ़र्ज़ है।

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