ग़ुस्ल करने के ज़रूरी मसाइल

ग़ुस्ल करने के ज़रूरी मसाइल

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بِسْمِ اللّٰہِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیۡمِ

  • बाल में गिरह पड़ जाये तो गिरह खोलकर उस पर पानी बहाना ज़रूरी नहीं।
  • ज़ख़्म खुला हो और पानी लगने से नुक़सान हो तो उस पूरे हिस्से का मसह कर सकते हैं और अगर ज़ख़्म पर पट्टी बंधी हो और उसके खोलने में कुछ नुक़सान हो तो पट्टी पर भी मसह कर सकते हैं लेकिन यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि पट्टी ज़रूरत की जगह से ज़्यादा न रखी जाये नहीं तो मसह काफ़ी नहीं।
  • कोई ऐसा मर्ज़ हो जिसकी वजह से सिर पर पानी डाल कर नहाने से मर्ज़ बढ़ जायेगा या कोई दूसरा मर्ज़ पैदा हो जायेगा तो कुल्ली करके नाक में पानी डाले और गर्दन से नहा लें और पूरे सिर पर भीगा हाथ फेर ले ग़ुस्ल हो जायेगा। सेहत के बाद सिर धो डाले बाक़ी ग़ुस्ल के लौटाने की ज़रूरत नहीं।
  • रोटी पकाने वाले के नाख़ून में आटा और लिखने वाले के नाख़ून पर स्याही या किसी के भी अगर मक्खी, मच्छर की बीट लगी हो तो ग़ुस्ल हो जायेगा। लेकिन मालूम होने के बाद उसको हटाना और उस जगह को धोना ज़रूरी है और पहले जो नमाज़ पढ़ी हो गई।
  • औरतों को बैठ कर नहाना बेहतर है।
  • अगर बहते पानी जैसे दरिया या नहर में नहाया तो थोड़ी देर उसमें रुकने से ही ग़ुस्ल के सब फ़र्ज़ और सुन्नतें अदा हो जायेंगे और बदन के उज़्व(parts) को तीन बार हरकत देने की भी ज़रूरत नहीं और अगर तालाब या किसी ठहरे पानी में नहाया तो बदन को तीन बार हरकत देना या जगह बदलना ज़रूरी है, इससे तीन बार धोने की सुन्नत अदा हो जायेगी।
  • बारिश में खड़ा हो कर अगर पूरे बदन से पानी बहने लगा तो ग़ुस्ल हो गया।

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