वुज़ू की दुआएं

वुज़ू की दुआएं

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بِسْمِ اللّٰہِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیۡمِ

जब वुज़ू का इरादा यानि नीयत करें तो सबसे पहले बिस्मिल्लाह और दूसरा कलमा पढ़ें और हाथ धोयें।

بِسْمِ اللّٰہِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیۡمِ

اَشۡھَدُ اَنۡ لَّا اِلٰھَ اِلَّااللّٰھُ وَحۡدَہٗ لَا شَرِیۡکَ لَھٗ وَاَشۡھَدُاَنَّ  مُحَمَّدً عَبۡدُہٗ وَرَسُوۡلُھٗ

(मैं गवाही देता हूँ अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं वह अकेला है

उसका कोई शरीक नहीं और गवाही देता हूँ कि मुहम्मद گ उसके बन्दे और रसूल हैं।)

 

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  • कुल्ली करते वक़्त यह दुआ पढ़ें।

اَللّٰھُمَّ  اَعِنِّیۡ عَلٰی تِلَاوَۃِالۡقُرۡاٰنِ وَزِکۡرِکَ وَشُکۡرِکَ وَحُسۡنِ عِبَادَتِکَ

(ऐ अल्लाह तू मेरी मदद कर कि क़ुरआन की तिलावत

और तेरा ज़िक्र व शुक्र करूँ और तेरी अच्छी इबादत करूँ)

 

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  • नाक में पानी चढ़ाते वक़्त यह पढ़ें।

اَللّٰھُمَّ اَرِحۡنیۡ رَائِحَۃَالۡجَنَّۃِ وَلَا تُرِحُنِیۡ رَائِحَۃَالنَّارِ

(ऐ अल्लाह तू मुझे जन्नत की ख़ुशबू सुंघा और दोज़ख़ की बू से बचा)

 

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  • मुँह धोते वक़्त यह दुआ पढ़ें।

اَللّٰھُمَّ  بَیِّضُ وَجۡھِیۡ یَوۡمَ تَبُیَضُّ وُجُوۡہٌ وَ تَسۡوَدُّ وُجُوۡہٌ

(ऐ अल्लाह तू मेरे चेहरे को चमका जिस दिन कुछ चेहरे चमकते होंगे कुछ चेहरे स्याह।)

 

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  • दाहिना हाथ कोहनियों तक धोते वक़्त यह दुआ पढ़ें।

اَللّٰھُمَّ اَعۡطِنِیۡ کِتَابِیۡ بِیَمِیۡنِیۡ وَ حَاسِبۡنِیۡ حِسَاباً یَّسِیۡرًا

(ऐ अल्लाह मेरा नामा-ए-आमाल मेरे दाहिने हाथ में देना और मुझसे आसान हिसाब करना।)

 

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  • बायाँ हाथ कोहनियों तक धोते हुए यह दुआ पढ़ें।

اَللّٰھُمَّ لَا تُعۡطِنِیۡ کِتَابِیۡ بِشِمَالِیۡ وَلَا مِنۡ وَّرَآءِ ظَہۡرِیۡ

(ऐ अल्लाह मेरा नामा-ए-आमाल न मेरे बायें हाथ में दे और न पीठ के पीछे से)

 

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  • सिर का मसह करते में यह पढ़ें।

اَللّٰھُمَّ اَظِلَّنِیۡ تَحۡتَ عَرۡشِکَ یَوۡمَ لَا ظِلَّ اِلَّا ظِلَّ عَرۡشِکَ

(ऐ अल्लाह तू मुझे अपने अर्श के साये में रख

जिस दिन तेरे अर्श के साये के सिवा कहीं साया नहीं होगा।)

 

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  • कान का मसह करते हुए यह दुआ पढ़ें।

اَللّٰھُمَّ اجۡعَلۡنِیۡ مِنَ الَّذِیۡنَ یَسۡتَمِعُوۡنَ الۡقَوۡلَ فَیَتَّبِعُوۡنَ اَحۡسَنَھٗ

(ऐ अल्लाह तू मुझे उनमें कर दे जो बात सुनते हैं और अच्छी बात पर अमल करते हैं।)

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  • गर्दन का मसह करते वक़्त यह दुआ पढ़ें।

اَللّٰھُمَّ اَعۡتِقۡ رَقَبَتِیۡ مِنَ النَّارِ

(ऐ अल्लाह मेरी गर्दन दोज़ख़ की आग से आज़ाद कर।)

 

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  • जब दाहिना पाँव धोयें तो यह दुआ पढ़ें।

اَللّٰھُمَّ ثَبِّتۡ قَدَمِیۡ عَلَی الصِّرَاطِ یَوۡمَ تَزِلُّ الۡاَقۡدَامُ

(ऐ अल्लाह तू मेरे क़दम पुल सिरात पर जमाये रखना जिस दिन कि उस पर क़दम फिसलें।)

 

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  • बायाँ पाँव धोते वक़्त यह दुआ पढ़ें।

اَللّٰھُمَّ اجۡعَلۡ ذَنۡبِیۡ مَغۡفُوۡرًاوَّسَعۡیِی مَشۡکُوۡرًا وَّتِجَارَتِیۡ لَنۡ تَبُوۡرَ

(ऐ अल्लाह मेरे गुनाह बख़्श दे और मेरी कोशिश कामयाब कर और मेरी तिजारत हलाक न हो)

 

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  • वुज़ू के बाद आसमान की तरफ मुँह उठाकर दूसरा कलमा और यह दुआ पढें।

 

اَللّٰھُمَّ اجۡعَلۡنیۡ مِنَ التَّوَّابِیۡنَ وَاجۡعَلۡنِیۡ مِنَ الۡمُتَطَہِّرِیۡنَ

(ऐ अल्लाह तू मुझे तौबा करने वालों और पाक लोगों में कर दे)

 

नोटः- वुज़ू करते में ऊपर दी गई दुआओं का अरबी में पढ़ना अफ़ज़ल है अगर किसी को याद न हो सकें तो कम से कम उनका हिन्दी तर्जुमा ज़रूर पढ़ लें।

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