एहराम में मर्द और औरत के फ़र्क़

एहराम में मर्द और औरत के फ़र्क़

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بِسْمِ اللّٰہِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیۡمِ

इन ज़िक्र किये गये मसाइल में मर्द व औरत बराबर हैं मगर औरतों को कुछ बातें जाइज़ हैं:

  • सिर छिपाना बल्कि ना-महरम के सामने और नमाज़ में फ़र्ज़ है।
  • सिर पर बिस्तर या गठरी उठाना जाइज़ है।
  • गोंद वग़ैरा से बाल जमाना।
  • सिर वग़ैरा पर पट्टी चाहे बाज़ू या गले पर तावीज़ बाँधना चाहे सिला हुआ हो।
  • ग़िलाफ़े काबा के अन्दर इस तरह ढकना कि सिर पर रहे मुँह पर न आये।
  • दस्ताने, मोज़े, सिले कपड़े पहनना।
  • औरत इतनी आवाज़ से तलबियह न कहे कि नामहरम सुने हाँ इतनी आवाज़ हर पढ़ने में हमेशा सबको ज़रूर है कि अपने कान तक आवाज़ आये।
  • एहराम में मुँह छिपाना औरत को भी हराम है ना-महरम के सामने कोई चीज़ मुँह से बचा कर आगे कर लें।

 

नोटः– वो जो बातें एहराम में नाजाइज़ हैं वह किसी उज़्र से या भूल कर हों तो गुनाह नहीं मगर उन पर जो जुर्माना मुक़र्रर है हर तरह देना ज़रूरी है चाहे वो ग़लतियाँ  भूले से हो या किसी की ज़बरदस्ती की वजह से या सोते में।

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