वुज़ू का तरीक़ा

वुज़ू का तरीक़ा

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بِسْمِ اللّٰہِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیۡمِ

जब वुज़ू का इरादा यानि नीयत करें तो सबसे पहले बिस्मिल्लाह और दूसरा कलमा पढ़ें।

بِسْمِ اللّٰہِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیۡمِ

اَشۡھَدُ اَنۡ لَّا اِلٰھَ اِلَّااللّٰھُ وَحۡدَہٗ لَا شَرِیۡکَ لَھٗ وَاَشۡھَدُاَنَّ  مُحَمَّدً عَبۡدُہٗ وَرَسُوۡلُھٗ

(मैं गवाही देता हूँ अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं वह अकेला है

उसका कोई शरीक नहीं और गवाही देता हूँ कि मुहम्मद گ उसके बन्दे और रसूल हैं।) 

  1. हाथ धोनाः- दोनों हाथों को गट्टों तक तीन-तीन बार धोएं। पहले दाहिना हाथ धोएं फिर बायाँ हाथ।
  2. मिस्वाक करना। मिस्वाक करके नमाज़ पढ़ने का सत्तर गुना ज़्यादा सवाब है। दाहिने हाथ से मिस्वाक करें, पहले दाहिने तरफ़ के ऊपर के दाँत माँझें फिर बाईं तरफ़ के ऊपर के दाँत फिर दाहिनी तरफ़ के नीचे के दाँत और फिर बाईं तरफ़ के नीचे के दाँत।
  3. कुल्ली करनाः- तीन बार खूब अच्छी तरह कुल्ली करें कि हलक़, दाँतों की जड़ों और बीच की दरारों में पानी बह जाए, अगर तालुए में या दाँतों में कोई चीज़ चिपकी या अटकी हुई हो तो उसे ज़रूर साफ़ करें।
  4. नाक में पानी चढ़ानाः- दाहिने हाथ से तीन बार नाक में पानी इस तरह चढ़ाएं कि अंदर हड्डी तक पहुँच जाए। बाएं हाथ से नाक साफ़ करें और चुंगली नाक के दोनों तरफ डालें।
  5. मुँह धोनाः- दोनों हाथों में पानी लेकर मुँह इस तरह धोएं कि माथे के ऊपर से (जहाँ से सिर के बाल शुरू होते हैं) ठोरी के नीचे तक और एक कान की लौ से लेकर दूसरे कान की लौ तक पूरे चेहरे पर कम से कम दो बूँद पानी बह जाए सिर्फ़ तेल की तरह मल देने से वुज़ू नहीं होगा। मुँह धोते में दाढ़ी का ख़िलाल भी करें अगर इहराम बंधा हो तो न करें। ख़िलाल का तरीक़ा यह है कि उंगलियों को दाढ़ी में गले की तरफ़ से ऐसे फेरें जैसे कंघा करते हैं।
  6. दाहिना हाथ कोहनियों तक धोनाः- अब दाहिना हाथ कोहनियों तक धोंए। अगर कोई अँगूठी, चूड़ी या कड़ा वग़ैरा इतना फँसा हुआ पहना है कि उसके नीचे से पानी बहना मुश्किल है तो उन्हें हिलाकर वहाँ पानी बहाना फ़र्ज़ है, नही तो वुज़ू नहीं होगा।
  7. बायाँ हाथ कोहनियों तक धोनाः-फिर बायाँ हाथ कोहनियों तक धोंए।
  8. सिर का मसह करनाः-चौथाई सिर का मसह फ़र्ज़ है और पूरे का सुन्नत। मसह करने का सही तरीक़ा यह है कि अँगूठे और शहादत की उंगली (Index finger) के सिवा एक हाथ की बाक़ी तीन उंगलियों का सिरा दूसरे हाथ की तीन उंगलियों के सिरे से मिलायें और माथे के ऊपरी सिरे पर रख कर गुद्धी तक इस तरह ले जायें कि हथेलियाँ सिर से अलग रहें, वहाँ से हथेलियों से मसह करते हुए वापस लायें।
  9. कान का मसह करनाः- शहादत की उंगली के पेट यानि आगे वाले हिस्से से कान के अन्दरूनी हिस्से का मसह करें और अँगूठे के पेट यानि आगे वाले हिस्से से कान के बाहरी हिस्से का।
  10. गर्दन का मसहः- उंगलियों के पीछे के हिस्से से गर्दन का मसह करें।
  11. दाहिना पाँव धोनाः- पाँवों को गट्टों तक धोना फ़र्ज़ है और बेहतर यह है कि आधी पिंडलियों तक धोएं और उंगलियों का ख़िलाल करे पाँव की उंगलियों का खि़लाल बायें हाथ की चुंगली से इस तरह करें कि दाहिने पाँव में चुंगली से शुरू करें और अँगूठे पर ख़त्म करें।
  12. बायाँ पाँव धोनाः- बायें पाँव को इसी तरह धोएं और उंगलियों का ख़िलाल अँगूठे से शुरू करके चुंगली पर ख़त्म करें। अगर बिना ख़िलाल किये पानी उंगलियों के अन्दर से न बहता हो तो खि़लाल फ़र्ज़ है।

वुज़ू के बाद आसमान की तरफ मुँह उठाकर दूसरा कलमा और यह दुआ पढें।

اَللّٰھُمَّ اجۡعَلۡنیۡ مِنَ التَّوَّابِیۡنَ وَاجۡعَلۡنِیۡ مِنَ الۡمُتَطَہِّرِیۡنَ

(ऐ अल्लाह तू मुझे तौबा करने वालों और पाक लोगों में कर दे)

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