पाक-नापाक चीज़ों के बारे में ज़रूरी मसाइल

पाक-नापाक चीज़ों के बारे में ज़रूरी मसाइल

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بِسْمِ اللّٰہِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیۡمِ

कुछ पाक मगर मकरुह चीज़ें जिनसे बचना चाहिए

  • बलग़म, नाक और थूक।
  • हराम जानवर शरई़ तौर पर ज़िबह किया तो उसका गोश्त पाक है लेकिन उसका खाना हराम है।
  • चमगादड़ और ऊँचा उड़ने वाले हलाल परिन्दे जैसे कबूतर, मैना, मुर्ग़ाबी वग़ैरा की बीट/पेशाब।
  • मछली और पानी के दूसरे जानवर, खटमल और मच्छर का ख़ून।
  • कीड़े जिनमें ख़ून नहीं होता जैसे मक्खी, चींटी, टिड्डी अगर पानी में गिर जाएं तो पानी पाक रहता है।
  • ख़च्चर और गधे का लुआब, पसीना और घोड़ी का दूध पाक है मगर पीना जाइज़ नहीं।

ज़रूरी मसाइल

  • अंगूर का शीरा कपड़े पर पड़ा तो अगरचे कई दिन गुज़र जाएं कपड़ा पाक है।
  • जो ख़ून ज़ख़्म से बहा नहीं हो वह पाक है।
  • गोश्त, तिल्ली और कलेजी में जो ख़ून बाक़ी रह गया पाक है और अगर यह चीज़ें बहते ख़ून में सन जाये तो नापाक है, बिना धोये पाक नहीं होंगी।
  • नापाक चीज़ का धुँआ कपड़े या बदन को लगे तो नापाक नहीं होगा जब तक निजासत का असर जैसे बू वग़ैरा उसमें ज़ाहिर न हो। उपले (सूखा गोबर) के धुँए से रोटी नापाक नहीं होती
  • नापाक चीज़ के जलाने से जो भाप उठे उनसे भी नजिस ना होगा अगरचे उनसे पूरा कपड़ा भीग जाये , लेकिन अगर निजासत का असर (जैसे बू या रंग वग़ैरा) इस में ज़ाहिर हो तो नजिस हो जाएगा।
  • कुत्ता या वह जानवर जिसका लुआब नापाक है आटे में मुँह डाल दे तो अगर गुंधा हुआ था तो जहाँ मुँह पड़ा उसे अलग कर दें और बाक़ी पाक है और सूखा था तो जितना तर हो गया वह फेंक दें।
  • जो गोश्त सड़ गया और उसमें बदबू आ गई उसका खाना हराम है लेकिन नजिस नहीं।
  • अगर नापाक कपड़े में पाक कपड़ा लपेटा और इस नापाक कपड़े से ये पाक कपड़ा थोड़ा नम हो गया और निजासत का रंग या बू उस पाक कपड़े में आ गए तो नापाक हो जाएगा। अगर भीग जाये तो हर सूरत में नापाक हो जाएगा, चाहे उसका रंग/बू पाक कपड़े में आए या नहीं।
  • नापाक कपड़ा पहन कर या नापाक बिस्तर पर सोया और पसीना आया अगर पसीने से कपड़ा या बिस्तर भीग गया तो बदन नापाक हो गया वर्ना नहीं।
  • भीगे हुए पांव नापाक ज़मीन या बिस्तर पर इतनी देर रखे कि पांव की तरी नापाक ज़मीन या बिस्तर पर लग कर पांव को लगी तो पांव नापाक हो जाऐंगे जिससे नमाज़ नहीं होगी।

अक्सर ये देखने में आता है कि कुछ लोग वुज़ू करने के बाद फ़र्श या किसी कारपेट वग़ैरा(जिसके पाक होने का कोई एतबार नहीं) पर गीले पाँव से जा-नमाज़ तक जाते हैं जिसकी वजह से जा-नमाज़ भी नापाक होने का अंदेशा है। इस में एहतियात की ज़रूरत है ताकि नमाज़ें ख़राब ना हूँ।

  • शहीद-ए-फ़िक़ही का ख़ून जब तक उस के बदन से जुदा ना हो पाक है।
  • अगर हराम जानवर शरीयत के मुताबिक़ ज़बह कर लिया गया तो इस का गोश्त पाक हो गया लेकिन इसका खाना हराम है।
  • रूई का कपड़ा उधेड़ा गया और इस के अंदर चूहा सूखा हुआ मिला, तो अगर इस में सुराख़ है तो तीन दिन तीन रातों की नमाज़ों का दोहरालें और सुराख़ ना हो तो जितनी नमाज़ें इस से पढ़ी हैं सब को दोहरायें।
  • चूहे की मेंगनी गेहूँ में मिलकर पिस गई या तेल में पड़ गई तो आटा और तेल पाक है, लेकिन अगर मज़े में फ़र्क़ आजाए तो नजिस है और अगर रोटी के अंदर मिली तो उस के आस-पास से थोड़ी सी अलग कर दें बाक़ी में कुछ हर्ज नहीं।
  • रेशम के कीड़े की बीट और इस का पानी पाक है।
  • सड़क पर पानी छिड़का जा रहा था, ज़मीन से छींटें उड़ कर कपड़े पर पड़ीं, कपड़ा नजिस ना हुआ मगर धो लेना बेहतर है।
  • पाक मिट्टी में नापाक पानी मिलाया तो नजिस हो गई।
  • कुत्ता बदन या कपड़े से छू जाये, तो बदन और कपड़ा पाक है, लेकिन अगर उस के बदन पर निजासत लगी हो या उस का लुआब लगे तो नापाक कर देगा।
  • आब-ए-मुसतअमल पाक है (लेकिन इस से वुज़ू, ग़ुस्ल नहीं कर सकते और ना ही कपड़े या बदन को पाक कर सकते हैं) नोसादर पाक है।
  • सिवा सूअर के तमाम जानवरों की वो हड्डी जिस पर मुर्दार की चिकनाई ना लगी हो और बाल और दाँत पाक हैं।
  • औरत के पेशाब के मुक़ाम से जो रतूबत निकले पाक है। कपड़े या बदन में लगे तो धोना कुछ ज़रूर नहीं हाँ बेहतर है।
  • जो गोश्त सड़ गया, इस में बदबू आगई तो इस का खाना हराम है मगर वो नापाक नहीं।

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