ग़ुस्ल

ग़ुस्ल यानि नहाना एक आम बात है। आमतौर पर नहाना या तो जिस्म की सफ़ाई के लिये या फिर ठंडक और ताज़गी हासिल करने के लिये होता है। यह सब दुनियावी ज़रूरतें हैं लेकिन शरीयत के मुताबिक़ कुछ हालतें ऐसी होती हैं जब नहाना फ़र्ज़ हो जाता है और बिना नहाये नमाज़ और बहुत सी दूसरी इबादतें अदा नहीं की जा सकतीं। लिहाज़ा ग़ुस्ल के बारे में कुछ ज़रूरी जानकारी हर मुसलमान को होना लाज़िम है जो इस तरह है।