1. नमाज़

1. नमाज़

ईमान के बाद नमाज़ तमाम फ़राइज़ में बहुत ही अहम और सबसे बढ़कर है और तमाम इबादतों की सरदार है। नमाज़ इस्लाम का सुतून (Pillar) है और दीन की बुनियाद है क़ुरआन मजीद और अहादीस इसकी अहमियत और फ़ज़ीलत के बयान से मालामाल हैं। इसकी अहमियत का अंदाज़ा इससे भी लगाया जा सकता है कि क़ुरआन पाक में 67 जगह पर नमाज़ का ज़िक्र आया है। क़ुरआन पाक की आयात और अहादीस से जहाँ यह मालूम होता है कि नमाज़ पढना फ़र्ज़ है और उसकी कितनी अहमियत है वहाँ यह भी पता चलता है कि नमाज़ छोड़ने या सही तरह अदा न करने की क्या-क्या आफ़तें हैं । लिहाज़ा हर मुसलमान के लिये ज़रुरी है कि नमाज़ के बारे में पूरी जानकारी हासिल करके नमाज़ सही तरह अदा करें। नमाज़ के बारे में ज़रूरी जानकारी नीचे दिये गये सिलसिलेवार Topics को क्लिक करके हासिल कर सकते हैं।